दिल की नज़र से, नज़रों के दिलसे - The Indic Lyrics Database

दिल की नज़र से, नज़रों के दिलसे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - अनाडी | वर्ष - 1959

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दिल की नज़र से, नज़रों के दिल से
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है, कोई हमें बता दे
सीने से उठकर ,होठों पे आया
ये गीत कैसा, ये राग क्या है, कोई हमें बता दे
क्यों बेखबर यूँ खिंची सी चली जा रही मैं
ये कौन से बंधनो में बंधी जा रही मैं
कुछ खो रहा है, कुछ मिल रहा है
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है, कोई हमें बता दे
हम खो चले, चाँद है या कोई जादूगर है
या मदभरी ये तुम्हारी नज़र का असर है
सब कुछ हमारा, अब है तुम्हारा
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है, कोई हमें बता दे
आकाश में हो रहे हैं ये कैसे इशारे
क्या देखकर आज हैं इतने खुश चाँद तारें
क्यों तुम पराए, दिल में समाए
ये बात क्या है, ये राज़ क्या है, कोई हमें बता दे