सोच समझ कर दिल को लगाना - The Indic Lyrics Database

सोच समझ कर दिल को लगाना

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - गीता दत्त | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - जाल | वर्ष - 1952

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सोच समझ कर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़माना
भोली सूरत का धोखा न खाना
देखो बुरा है ज़माना
सोच समझ कर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़मानाधोखा ना खाना -३
ना ना ना न नाप्यार की गली में दिल वालो
जाना ज़रा सम्भल सम्भल के
फिरते हैं चोर लुटेरे
रस्ते में भेस बदल केधोखा ना खाना जी धोखा ना खाना
देखो बुरा है ज़माना
सोच समझ कर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़मानाधोखा ना खाना -३
ना ना ना न नादुनिया के इस बाज़ार में
तन की है मन की प्यास नहीं
हुस्न के इस गुल्ज़ार में
रंग ही रंग हैं बास नहींधोखा ना खाना जी धोखा ना खाना
देखो बुरा है ज़माना
सोच समझ कर दिल को लगाना
देखो बुरा है ज़माना