रिमझिम-रिमझिम बरखा बरसे नैन मोरे तरसे - The Indic Lyrics Database

रिमझिम-रिमझिम बरखा बरसे नैन मोरे तरसे

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - तांगावाली | वर्ष - 1955

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रिमझिम-रिमझिम बरखा बरसे नैन मोरे तरसे
आ जा आ जा घर मोरे पिया
सन-सन हवा डोले घूँघट मोरा खोले लागे न जिया
आशा के द्वार खड़ी-खड़ी
राह तेरी देखूँ घड़ी-घड़ी
तरसाए सावन की झड़ी
तेरे बिन सूना जग साँवरिया
सन-सन हवा डोले
आओ जी घर मोरे पिया कानों में कुछ समझाऊँ
मन में है बात कुछ ऐसी कहते हुए शरमाऊँ
छोटी सी तस्वीर तोरी फिरती है अँखियों में मेरी
नींद में बोल रही लोरी क्या-क्या मैने सपने सजाए रसिया
सन-सन हवा डोले
आँचल हवा में उड़ा जाए मुखड़े पे लट लहराए
जैसे नागन बल खाए आजा सुलझा लट साँवरिया
सन-सन हवा डोले $