रोशन तुम्हीं से दुनिया रौनक तुम्हीं जहां की - The Indic Lyrics Database

रोशन तुम्हीं से दुनिया रौनक तुम्हीं जहां की

गीतकार - इंदीवर | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - पारसमणी | वर्ष - 1963

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रोशन तुम्हीं से दुनिया रौनक तुम्हीं जहां की
फूलों में पलने वाली रानी हो गुलिस्तां की
सलामत रहो सलामत रहो
नाज़ुक हो नाज़ से भी तुम प्यार से भी प्यारी
तुम हुस्न से हसीं हो क्या बात है तुम्हारी
आँखों में दो जहां है मालिक हो दो जहां की
दिल चाहे टूट जाए मेरे दिल से यूँही खेलो
जीती रहो यूँ ही तुम, मेरी उम्र ले लो
किस दिन दुआ न मांगी हमने तुम्हारी जां की