हाथों में मेहंदी बोल रे मेरे गुड्डे तुझे गुड्डी कुबुल - The Indic Lyrics Database

हाथों में मेहंदी बोल रे मेरे गुड्डे तुझे गुड्डी कुबुल

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - उपहार | वर्ष - 1971

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हूँ हूँ
हाथों में मेहंदी
हाथों में हाथों में मेहंदी
बालों में बालों में फूल
बोल रे मेरे गुड्डे तुझे गुड्डी कुबूल गुड्डी कुबूल
बागों में कलियाँ
बागों में बागों में कलियाँ
गलियाँ में गलियाँ में धूल
बोल री मेरी गुड्डी तुझे गुड्डा कुबूल गुड्डा कुबूलकुबूल( आ आ आ आ आ
ल ल ल ल ल ल ) -२गुड़िया है मेरी कच्ची कली सी -२
मिसरी की मीठी डली सी
हाय राम मिसरी की मीठी डली सी
तेरा गुड्डा है ऐसा
गुड्डा है गुड्डा है ऐसा
कैसा है जैसा बबूल
बोल री मेरी गुड्डी तुझे गुड्डा कुबूल गुड्डा कुबूलदुल्हन को देखो ना लाज है ना डर -२
ये भी है शादी की कोई उमर -२
होती बाबुल के अंगना
बाबुल के बाबुल के अंगना तो जाती जाती सकोओल
बोल रे मेरे गुड्डे तुझे गुड्डी कुबूल गुड्डी कुबूलकठपुतली वाले चल खींच ले डोरी -२
प्रीतम के द्वारे जाती है गोरी
प्रीतम के द्वारे जाती है
सखी बचपन की सखियाँ
बचपन की बचपन की सखियाँ सखियाँ तू जइयो ना भूल
बोल री मेरी गुड्डी तुझे गुड्डा कुबूल गुड्डा कुबूलहाथों में मेहंदी
हाथों में हाथों में मेहंदी
बालों में बालों में फूल
बोल रे मेरे गुड्डे तुझे गुड्डी कुबूल गुड्डी कुबूल
बोल री मेरी गुड्डी तुझे गुड्डा कुबूल गुड्डा कुबूल