घनन घनन घिर आये बदरा - The Indic Lyrics Database

घनन घनन घिर आये बदरा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कोरस, अलका याज्ञनिक, उदित नारायण, शान, शंकर महादेवन, सुखविंदर सिंह, किशोरी गौरीकर | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लगान | वर्ष - 2001

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घनन-घनन घिर घिर आये बदराघन घनघोर कारे छाये बदराधमक-धमक गूँजे बदरा के डंकेचमक-चमक देखो बिजुरिय चमकेमन धड़काये बदरवामन धड़काये बदरवा
मन मन धड़काये बदरवाकाले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओबिजुरी की तलवार नहीं बूँदों के बान चलाओमेघा छाये बरखा लायेघिर-घिर आये घिर के आयेकहे ये मन मचल-मचलन यूँ चल सम्भल-सम्भलगये दिन बदल तू घर से निकलबरसने वाल है अमरत जलदुविधा के दिन बीत गये भैया मल्हार सुनाओघनन घनन घिर घिर आये बदरारस अगर बरसेगा कौन फिर तरसेगाकोयलिया गायेगी बैठेगी मुण्डेरों परजो पंछी गायेंगे नये दिन आयेंगेउजाले मुस्कुरा देंगे अंधेरों परप्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तनमनधरती पे देखेंगे पानी का दरपनजईओ तुम जहाँ-जहां देखिओ वहाँ-वहाँयही इक समाँ कि धरती यहाँहै पहने सात रंगों की चूनरियाघनन घनन घिर घिर आये बदरापेड़ों पर झूले डालो और ऊँची पेंग बढ़ाओकाले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओआई है रुत मतवाली बिछाने हरियालीये अप्ने संग में लाई है सावन कोये बिजुरी की पायल ये बादल का आँचलसजाने लाई है धरती की दुल्हन कोडाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगनसुख अब बरसेगा आँगन-आँगनखिलेगी अब कली-कली हँसेगी अब गली-गलीहवा जो चली तो रुत लगी भलीजला दे जो तन-मन वो धूप ढलीकाले मेघा काले मेघा पानी तो बरसाओ
घनन घनन घिर घिर आये बदरा