ज़िंदगी बहार है मुहब्बत की बहार से - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी बहार है मुहब्बत की बहार से

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - | वर्ष - 1956

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ल : आ
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से -२
दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से -२
को : ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से -२ल : मैं गुमसुम तुम भी चुप थे -२
पर आँह्कों ने सब कह डाला
को : पर आँह्कों ने सब कह डाला
ल : आ
मेरे प्यार ने पहनी वरमाला -२
को :ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से -२
ल : दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से -२
को : ओय ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार सेल : मैं नाचूँ मेरा मन नाचे -२
मेरे संग-संग सारा जग नाचे
को : मेरे संग-संग सारा जग नाचे
ल : आ
मची धूम ख़ुशी की धुन बाजे -२
को : ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से -२
ल : दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से -२
को : ओय ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से