दिल के टुकडे टुकडे कर के, मुस्कुराके चल दिए - The Indic Lyrics Database

दिल के टुकडे टुकडे कर के, मुस्कुराके चल दिए

गीतकार - कुलवंत जानिक | गायक - येसुदास | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - दादा | वर्ष - 1979

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दिल के टुकड़े टुकड़े कर के मुस्कुराके चल दिए
जाते जाते ये तो बता जा, हम जिएँगे किस के लिए
चाँद भी होगा, तारे भी होंगे, फूल चमन में प्यारे भी होंगे
लेकिन हमारा दिल ना लगेगा
भीगेगी जब-जब रात सुहानी, आग लगाएगी रुत मसतानी
तूही बता कोई कैसे जिएगा
दिल के मारों को दिल के मालिक ठोकर लगाकर चल दिए
रूठे रहेंगे आप जो हम से, मर जाएँगे हम भी कसम से
सुन ले हाथ छुड़ाने से पहले
जान हमारी, नाम पे तेरे जाएगी एक दिन दिलबर मेरे
सोच समझ ले जाने से पहले
यूँ अगर तुम दिल की तमन्ना को मिटाके चल दिए