दिल के सन्नाटे खोल कभी - The Indic Lyrics Database

दिल के सन्नाटे खोल कभी

गीतकार - गुलजार | गायक - पलाश सेन | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - फिलहाल | वर्ष - 2002

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दिल के सन्नाटे खोल कभी
तनहाई तू बोल कभी
परछईयां चुनता रहता है
क्यों रिश्ते बुनता रहता है
इन वादों के पीछे कोई नहीं
क्यों वादे सुनता रहता है
बुझ जाएगी सारी आवाज़ें
यादें यादें रह जाएगी
तस्वीरें बचेगी आँखों में
और बातें सब बह जाएगी