जब तुम ही नहीं अपने दुनिया ही बेगानी है - The Indic Lyrics Database

जब तुम ही नहीं अपने दुनिया ही बेगानी है

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - सुरैया | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - परवाना | वर्ष - 1947

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जब तुम ही नहीं अपने, दुनिया ही बेगानी है
उल्फ़त जिसे कहते हैं, इक झूठी कहानी हैजाते हुए क्यों तुमको, इस दिल का खयाल आता
तड़पा के चले जाना इक रीत पुरानी हैपरवाने के जलने पे, हँसना न तमाशाई
हँसती हुई शमा भी, इक रात की रानी है