गीतकार - हसन कमाली | गायक - सलमा अघा | संगीत - रवि | फ़िल्म - निकाहः | वर्ष - 1982
View in Romanदिल के अरमान आँसुओ में बह गये
हम वफ़ा करके भी तनहा रह गये
ज़िन्दगी एक प्यास बन कर रह गई
प्यार के किस्से अधूरे रह गये
शायद उनका आखरी हो ये सितम
हर सितम ये सोच कर हम सह गये
खुद को भी हम ने मिटा डाला मगर
फ़ासले जो दरमियाँ थे रह गये