सपने सुहाने लड़कपन के - The Indic Lyrics Database

सपने सुहाने लड़कपन के

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - बीस साल बाद | वर्ष - 1962

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(सपने सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के )-२जब छाए घटा मतवाली, मेरे दिल पे चलाए आरी
घबराये अकेले मनवा, मैं लेके जवानी हारी
कैसे कटें दिन उलझन के
कोई लादे ज़माने वो बचपन के
सपने सुहाने ...जब दूर पपीहा बोले, दिल खाये मेरा हिचकोले
मैं लाज में मर-मर जाऊँ, जब फूल पे भंवरा डोले
छेड़े पवनिया तराने जब मन के
मुझे भाये न रंग ये जीवन के
सपने सुहाने ...