सलाम ए मोहब्बत कुछ आवाज़ों के सये - The Indic Lyrics Database

सलाम ए मोहब्बत कुछ आवाज़ों के सये

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - सहगान, नूरजहाँ | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - सलाम-ए-मोहब्बत (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1971

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को : सलाम-ए-मोहब्बत -३कुछ आवाज़ों के साये
कुछ आवाज़ों के साये मेरी खोज में हैं
मैं इनसे भाग के जाऊँ कहाँ
मैं अपना आप छुपाऊँ कहाँ
कुछ आवाज़ों के सायेये मेरे दिल की वीरानी
ये दर्द का गहरा सन्नाटा
झोँका भी चले तो शोर मचे
आँसू भी गिरे तो आये सदा
इस शोर मचाती वादी में
इस उजड़ी हुई आबादी मेंकुछ आवाज़ों के साये
कुछ आवाज़ों के साये मेरी खोज में हैं
मैं इनसे भाग के जाऊँ कहाँ
मैं अपना आप छुपाऊँ कहाँ
कुछ आवाज़ों के सायेको : सलाम-ए-मोहब्बत -३कल तक पाज़ेब छनकती थी
जिन रुकते भागते पाँवों की
अब क़ब्र बनी है आँखों में
उन जीते जागते ख़ाबों की
अब कोई सुहाना गीत नहीं
वो साज़ नहीं संगीत नहींकुछ आवाज़ों के साये
कुछ आवाज़ों के साये मेरी खोज में हैं
मैं इनसे भाग के जाऊँ कहाँ
मैं अपना आप छुपाऊँ कहाँ
कुछ आवाज़ों के साये -३