तारों भरी रात साजन तारों भरी रातों - The Indic Lyrics Database

तारों भरी रात साजन तारों भरी रातों

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सहगान, सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

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सु : हो तारों भरी रात सजन -२
तारों भरी रात
को : हो तारों भरी रात सजन तारों भरी रात
सु : हो
अब ऐसे में आवो
अब ऐसे में आवो तो कहूँ तुमसे मैं एक बात सजन
को : ओ तुमसे मैं एक बात
तारों भरी रात सजन तारों भरी रातसु : दिल-दिल से मिले और निगाहों से निगाहें
को : दिल-दिल से मिले और निगाहों से निगाहें
सु : ये मस्त नज़ारे की तुम्हें देखना चाहे
तुम्हें देखना चाहे
को : ये मस्त नज़ारे की तुम्हें देखना चाहे
तुम्हें देखना चाहे
सु : तुम ऐसे में आ जाओ -२
तो हो जाये मुलाक़ात सजन
को : हो जाये मुलाक़ात
तारों भरी रात सजन तारों भरी रातसु : घनघोर घटाओं को विदा दे कर निकाला
को : घनघोर घटाओं को विदा दे कर निकाला
सु : फिर चाँद के जलवों ने किया दिल में उजाला
किया दिल में उजाला
को : फिर चाँद के जलवों ने किया दिल में उजाला
किया दिल में उजाला
सु : हो
आ जाओ के
आ जाओ के अब सच में हुई नैनों की बरसात सजन
को : हो नैनों की बरसात
तारों भरी रात सजन तारों भरी रात
हो तारों भरी रात सजन तारों भरी रात