क़सम कुदा की यक़ीन तुम्हें मोहब्बत है - The Indic Lyrics Database

क़सम कुदा की यक़ीन तुम्हें मोहब्बत है

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - एक मुसाफिर एक हसीना | वर्ष - 1962

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क़सम ख़ुदा की यक़ीनआ : तुम्हें मोहब्बत है हमसे माना बताओ इसका सबूत क्या है -२
र : ये हाथ सीने पे रख के देखो न पूछो इसका सबूत क्या है
आ : तुम्हें मोहब्बत है ...ये दिल की धड़कन ये सर्द आहें यही शिक़ायत है हर किसी को -२
नई बला को जब भी देखा तो प्यार करने लगे उसी से
नई भला इसमें बात क्या है कि ये फ़साना बहुत सुना है
र : ये हाथ सीने पे ...
आ : तुम्हें मोहब्बत है ...र : जो आग सीने में है हमारे तुम्हारे होती तो जान लेते -२
बग़ैर कोई सबूत माँगे हमारी चाहत को मान लेते
तुम्हारी आँखों में काश होता हमारी आँखों में जो नशा है
ये हाथ सीने पे ...
आ : तुम्हें मोहब्बत है ...यही नशा जो रहे हमेशा तो हम भी चाहत का जाम पी लें -२
ये दौर-ए-साग़र यूँ ही चलेगा तो ले के साक़ी का नाम पी लें
मगर ये हम पर क़रम की नज़रें बदल न जाएँगी क्या पता है
र : ये हाथ सीने पे ...
आ : तुम्हें मोहब्बत है ...र : हमें तो साक़ी से वास्ता है सुराही बदले या जाम बदले -२
तेरे दीवाने कभी न बदलेंगे चाहे सारा निजाम बदले
तेरे ही क़दमों में जान देंगे ये दिल तुझे जब दे दिया है
आ : तुम्हें मोहब्बत है ...