विमुख शिखर से बाजे रे मुरलिया बाजे - The Indic Lyrics Database

विमुख शिखर से बाजे रे मुरलिया बाजे

गीतकार - नरेंद्र शर्मा | गायक - लता मंगेशकर, भीमसेन जोशी | संगीत - श्रीनिवास खले | फ़िल्म - राम श्याम गुण गान (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1983

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भीमसेन:
विमुख शिखर से धारा धाये
राधा हरि सम्मुख लाये
बाँसुरिया हरि साँवरिया की राधा गोरी सुनवा लेलता:
बाजे रे मुरलिया बाजे रे -२
अधर धरे मोहन मुरली पर
होंठ पे माया बिराजे
हरे-हरे बाँस की बनी मुरलिया -२
मरम मरम को छुए अंगुरिया
चंचल चतुर अंगुरिया जिस पर
कनक मुंदरिया साजे
बाजे रे मुरलिया बाजे ...भीमसेन:
अधर धरे मोहन मुरली पर
लता:
होंठ पे माया बिराजेपीली मुंदरी अंगुरी शाम
मुंदरी पर राधा का नाम
आकर देखे सुने मधुर स्वर
राधा गोरी लाजे
बाजे रे मुरलिया बाजे ...भीमसेन:
अधर धरे मोहन मुरली पर
होंठ पे माया बिराजेभूल गई राधा भरी गगरिया
भूल करे गोधन को साँवरिया
जाने न जाने तेरो (?) जाने
जाने अध जग राजेबाजे मुरलिया बाजेलता:
बाजे रे मुरलिया बाजे ...