सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो - The Indic Lyrics Database

सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सुधा मल्होत्रा | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बाबर | वर्ष - 1960

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सलाम-ए-हसरत क़बूल कर लो
मेरी मोहब्बत क़बूल कर लो
उदास नज़रें तड़प तड़पकर तुम्हारे जलवों लो ढूँढ़ती हैं
जो ख़्वाब की तरह खो गए उन हसीन लम्हों को ढूँढ़ती हैं
अगर ना हो नाग़वार तुमको तो ये शिकायत क़बूल कर लो
तुम्हीं निगाहों की जुस्तजू हो, तुम्हीं ख्यालों का मुद्दआ हो
तुम्हीं मेरे वास्ते सनम हो, तुम्ही मेरे वास्ते ख़ुदा हो
मेरी परस्तिश की लाज रख लो, मेरी इबादत क़बूल कर लो
तुम्हारी झुकती नज़र से जब तक न कोई पैगाम मिल सकेगा
न रूह तस्कीन पा सकेगी न दिल को आराम मिल सकेगा
गम-ए-जुदाई है जान लेवा, ये इक हक़ीक़त क़बूल कर लो