रेशमी सलवार कुड़ता जाली का - The Indic Lyrics Database

रेशमी सलवार कुड़ता जाली का

गीतकार - साहिर | गायक - आशा, शमशाद | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - नया दौर | वर्ष - 1957

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रेशमी सलवार कुड़ता जाली का
रूप सहा नहीं जाये नखरे वाली का
होय
जा रे पीछा छोड़ मुझ मतवाली का
काहे ढूँढे रासता कोतवाली का
जब जब तुझको देखूँ मेरे दिल में छुटें फुलझड़ियाँ
करूँगा तेरा पीछ चाहे लग जायें हथकड़ियाँ
अरे करूँगा तेरा पीछ चाहे लग जायें हथकड़ियाँ
क्या है कोतवाली का
रूप सहा नहीं जाये नखरे वाली का
होय
जा रे पीछा छोड़ मुझ मतवाली का
काहे ढूँढे रासता कोतवाली का
मैं हूँ इज़्ज़त वाली मुझे समझ ना ऐसी वैसी
बड़े बड़ों की मैंने कर दी है ऐसी तैसी -2
तू है किस थाली का
काहे ढूँढे रासता कोतवाली का
रेशमी सलवार कुड़ता जाली का
रूप सहा नहीं जाये नखरे वाली का
होय
रूप तेरे कालट ?? का मेरे दिल को दे गया झटका
रंग भरे हाथों से ज़रा खोल दे पट घूँघट का
हाय रंग भरे हाथों से ज़रा खोल दे पट घूँघट का
दिल है दिलवाली का
रूप सहा नहीं जाये नखरे वाली का
होय
जा रे पीछा छोड़ मुझ मतवाली का
काहे ढूँढे रासता कोतवाली का
रेशमी सलवार कुड़ता जाली का
रूप सहा नहीं जाये नखरे वाली का
होय$