किरनों के झूलों से - The Indic Lyrics Database

किरनों के झूलों से

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - सहगान, मेहदी हसन, आइरीन परवीन | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - शिरीन फरहाद (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1970

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मे : किरनों के झूलों से
उड़ते बगूलों से
गाते हयूलों से आगे चली आ
को : चली आ-३
मे : महक बन के फूलों से आगे चली आ
को : आ आ आ आ

मे : ख़यालों में तुझको बहोत मैंने चाहा-२
मगर सामने है नया एक दुराहा
हयूला नहीं मैं बदन चाहता हूँ
सबा की बजाहें चमन चाहता हूँ
को : चमन चाहता हूँ-२
मे : अधूरी बहारों से
धुँधले नज़ारों से
मुबहम इशारों से आगे चली आ
को : चली आ-३
मे : अब इन चाँद-तारों से आगे चली आ
को : आ आ आ आ