पियाना जरुउरी है जिने के झूठ - The Indic Lyrics Database

पियाना जरुउरी है जिने के झूठ

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - चाचा भतीजा | वर्ष - 1977

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पीना ज़रूरी है जीने के लिए जीना ज़रूरी है पीने के लिए
ख़ैर हम तो शराब पीते हैं जो नहीं पीते ख़ाक़ जीते हैंहे जीना ज़रूरी है -२
जीने के लिए पीना ओह ज़रूरी है पीना ज़रूरी है
पीने कि लिए जीना-जीना तौबा जीना ज़रूरी है
जीने के लिए ...हम को तो बस काम है अपने ही काम से
कभी पी ली बोतल से कभी पी ली जाम से -२
फ़र्क़ नहीं पड़ता कोई दिल किसी नाम से
लेकिन इक हसीना ज़रूरी है
जीने के लिए ...हाँ हाँ बेवजह नहीं ग़ुस्सा जनाब का
नाम है बड़ा बुरा इस ख़ानाख़राब का -२
अच्छा नहीं पीना हर मौसम में शराब का
सावन का महीना ज़रूरी है
पीने के लिए ...टूटते हैं शक़ से रिश्ते दिल-ओ-जान के
सच्चे प्यार को जो छोड़ दे झूठा प्यार मान के -२
कहते हैं कि चेहरे पे ऐसे इन्सान के
शर्म का पसीना ज़रूरी है
जीने के लिए ...
पीने के लिए ...