गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशादी | फ़िल्म - दिल्लगी | वर्ष - 1949
View in Romanतेरी नगरिया न भाई
तेरी नगरिया न भाई
प्रीत किए पछताई रे साँवरिया प्रीत किए पछताई
बाँध पायलिया प्रीत की साँची रे
काँटों के बीच में हँसहँस नाची रे
तोहे दया नहीं आई
प्रीत किए पछताई
तेरे महल की देख दीवाली
मैने अपनी दुनिया जला ली
प्रीत की होली मनाई
प्रीत किए पछताई
मैं हूँ भगवान छोड़ चली रे
अपने साजन की प्रीत गली रे
जाने कब राम मिलाई
प्रीत किए पछताई