उंचे निचे रास्ते और मंजिल तेरी दुउरी - The Indic Lyrics Database

उंचे निचे रास्ते और मंजिल तेरी दुउरी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - खुददार | वर्ष - 1982

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कि : ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में राही रुक ना जाना हो कर तू मजबूर
ल : ऊँचे-नीचे रास्ते ...
कि : हो ऊँचे-नीचे रास्ते ...ये हमारी ज़िन्दगी एक लम्बा सफ़र ही तो है
चलते हैं जिस पे हम अनजानी डगर ही तो है
देख सम्भलना बच के निकलना
जो नहीं चलते देख के आगे वो करते हैं भूल
कि : हो ऊँचे-नीचे रास्ते ...ल : करूँ क्या मैं प्यारे भाई थक जाएँ अगर मेरे पाँव
कि : दम ले के दो घड़ी चला जा चाहे बन मिले चाहे गाँव
बात हमारी याद रखना तू ज़रूर
कि : हो ऊँचे-नीचे रास्ते ...तुझे प्यार भी मिले पथ में तो समझना यही
ये रास्ते की छाँव साथी तेरी मंज़िल नहीं
तेरा तो अपना और है सपना
अपने ही सपनों की मंज़िल पे ना रह जाना तू
कि : ऊँचे-नीचे रास्ते ...