ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते - The Indic Lyrics Database

ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - मुकेश, गीता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बावरे नैन | वर्ष - 1950

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ख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करते
किसी को बेवफ़ा आ आ के तड़पाया नहीं करते
दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते
जो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करते
हँसी फूलों की दो दिन चाँदनी भी चार दिन की है
चाँदनी चार दिन की है
मिली हो चाँद सी सूरत तो इतराया नहीं करते
किसी को
जिन्हें मिटना हो वो मिटने से डर जाया नहीं करते
वो डर जाया नहीं करते
मुहब्बत करने वाले ग़म से घबराया नहीं करते
किसी को
मुहब्बत का सबक सीखो, ये जाकर जलनेवालों से
ये जाकर जलनेवालों से
के दिल की बात भी लब तक कभी लाया नहीं करते
जो ठुकराये