नसीब होगा मेरा मेहरबाँ कभी न कभी - The Indic Lyrics Database

नसीब होगा मेरा मेहरबाँ कभी न कभी

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा, मन्ना डे, महिला स्वर | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - चालीस दिन/ 40 दिन/ चालीस दिन/ 40 दिन | वर्ष - 1959

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हो
नसीब होगा मेरा मेहरबाँ कभी न कभी
हाय, कभी न कभी
मिलेगा उसके क़दम का निशाँ कभी न कभी
हाय कभी न कभी, नसीब
रहा जो छुपके जवाँ दिल में आरज़ू की तरह
चला गया जो ग़रीबों की आबरू की तरह
नज़र तो आयेगा वो मेहमाँ कभी न कभी
नसीब होगा मेरा मेहरबाँ
हर इक सितम का वफ़ाएँ जवाब माँगेंगी
हर एक बूँद का आँखें हिसाब माँगेंगी
लहू पुकारेगा बनके ज़ुबाँ कभी न कभी
नसीब होगा मेरा मेहरबाँ
लुटी-लुटी सी तमन्ना जो हाथ उठायेगी
चमकते चाँद सितारों को तोड़ लायेगी
गले मिलेंगे ज़मीं आसमान कभी न कभी
नसीब होगा मेरा मेहरबाँ